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NEG-FIRE Support Visit - Day 03 - 22.02.2018

प्राथमिक शाला पथराटोला, ग्राम बहरमुण्डा की बच्चियों द्वारा प्रस्तुत एक लोकगीत (वीडियो)

दिनांक 22 फरवरी 2018 को मवई परियोजना संकुल के ग्राम बहरमुंडा में NEG-FIRE क्षेत्रीय कार्यालय, भोपाल से श्रीमती ज्योति चंदेल एवं श्री विनेश मेश्राम के द्वारा ग्राम बहरमुंडा के प्राथमिक शाला पथरा टोला में भ्रमण किया गया।

कार्यकर्ता श्री संदीप श्रीवास द्वारा "हमार किताब पुस्तक सेट" को बच्चों के साथ में उपयोग करने का प्रदर्शन
भ्रमण के दौरान शिक्षक श्री गंगाराम मरावी एवं श्रीमती कौशल्या जी से चर्चा के दौरान ज्योति मैम द्वारा पूछा गया कि आप कक्षा पहली एवं दूसरी के बच्चों को सबसे पहले किस भाषा में पढ़ाते हैं  तो शिक्षकों ने बताया कि हम शुरुआती कक्षाओं में बच्चों में समझ विकसित करने के लिए हम मातृभाषा/स्थानीय भाषा का उपयोग करते हैं व उसके बाद उसके बाद मानक भाषा / हिंदी में समझाते हैं।

इसके बाद कक्षा पांचवी के बच्चों को हिंदी की पाठ्य-पुस्तक पढ़वा कर देखा गया जिसे बच्चे ने बिना रुके पढ़कर सुनाया।  इसके बाद भ्रमणकर्ताओं द्वारा बच्चों को पूछा गया कि आप को स्कूल जाना अच्छा लगता है या घर में रहना जिसमें कक्षा पांचवी के सभी बच्चों ने उत्तर दिया कि हमें स्कूल जाना अच्छा लगता है। इसके बाद कक्षा पहली एवं दूसरी के बच्चों को अक्षर कार्ड से अक्षर की पहचान का प्रदर्शन करवाया जिसमें कक्षा दूसरी के बच्चों ने आसानी से अक्षर पढ़कर सुनाया। तत्पश्चात बच्चों को कविता सुनाने के लिए कहा गया जिसमें 9 बच्चों ने बिना रुके अलग-अलग कविता पढ़कर सुनाया।

इसके बाद कक्षा चौथी और तीसरी के बच्चों को स्थानीय भाषा में गीत सुनाने के लिए कहा जिसमें 6 बच्चों ने स्थानीय भाषा में करमा गीत सुनाया। इसके बाद ज्योति जी ने शिक्षिका कौशल्या जी से पूछा कि संस्था के कार्यकर्ता जब से आपकी स्कूल में आते हैं तब से आपके बच्चों में कुछ बदलाव आया है तो शिक्षिका द्वारा बताया गया कि बच्चों की उपस्थिति बढ़ी है व गतिविधियां करने से बच्चों का शिक्षा स्तर में भी वृद्धि देखने को मिली है।

इसके बाद भ्रमणकर्ताओं द्वारा सह-शैक्षिक गतिविधियों के बारे में जेडीएसएसएस कार्यकर्ताओं से पूछा गया कि चार्ट पेपर में किए गए गतिविधियों के लिए फेविकोल, मोम कलर इत्यादि की व्यवस्था कौन करता है इस पर कार्यकर्ताओं ने कहा यह सारी व्यवस्था परियोजना की ओर से की जाती है। चार्ट पेपर में पत्तियों से चित्रकला देखकर भ्रमणकर्ताओं ने बच्चों, शिक्षकों व संस्था कार्यकर्ताओं की तारीफ की।  

इसके बाद जेडीएसएसएस स्टाफ के साथ बैठक कर चर्चा किया गया कि कार्य करने में आपको किस प्रकर की चुनौतियों का सामना करना पड़ता है। इसमें कार्यकर्ताओं - संदीप, रोशनी व जंती - द्वारा बताया गया कि:
  • मातृ समिति एवं एसएमसी बैठक में पालकों की उपस्थिति कम हो पाती है, 
  • कार्यक्षेत्र में नशा बहुत हावी है,
  • पहले बच्चे बहुत अनियमित थे पर लगातार गृह भेट करने के बाद बच्चे नियमित हुए हैं
इसके बाद उन्होंने पूछा कि एक स्कूल में 1 दिन में आप कितने समय देते हैं। इस पर कार्यकर्ताओं ने बताया कि प्रतिदिन दो से ढाई घंटे हम एक ही स्कूल में समय व्यतीत करते हैं। सर्वप्रथम हम आंगनवाड़ी जाते हैं व आंगनवाड़ियों में बच्चों के साथ शाला-पूर्व तैयारी की गतिविधियां करते हैं। इसके बाद हम शाला जाकर बच्चों के साथ में शैक्षिक गतिविधियां करते हैं। इसके बाद हम अनियमित बच्चों के लिए गृह भेंट करते हैं एवं अगले दिन स्कूल आने के लिए प्रेरित करते हैं। 

इसके बाद प्राथमिक शाला बसनी के भ्रमण के दौरान शिक्षिका सरस्वती आर्मो एवं सरोज धुर्वे से जब ज्योति जी ने यह पूछा कि कक्षा पहली के बच्चों को, जब स्कूल में आते हैं, तो आप किस भाषा में शिक्षा देते हैं। तो शिक्षिकाओं ने उत्तर दिया कि हम कक्षा पहली के बच्चों को शुरुआत में स्थानीय भाषा में पढ़ाते हैं इसके बाद हम उन्हे क्रमश: मानक भाषा हिंदी की ओर ले जाते हैं। शिक्षिकाओं ने यह भी बोला कि NEG-FIRE द्वारा दिए गए "हमार किताब पुस्तक-सेट" का सहायक सामग्री के रूप में इस्तेमाल करते हैं व इसी तरह हम अन्य टीएलएम सामग्री जैसे शब्द पट्टी, अक्षर कार्ड इत्यादि के माध्यम से कविता कटिंग करके बच्चों को कविता जोड़ने जैसी शैक्षिक-स्तर सुधार मनोरंजक गतिविधियों के लिए इस्तेमाल करते हैं। 
इसके बाद कक्षा पहली के बच्चों को कविता सुनाने के लिए कहा गया जिसमें बच्चों ने पाठ्यपुस्तक के साथ-साथ ही "हमार किताब पुस्तक-सेट" से भी कविताएं सुनाईं। इसी तरह दूसरी और तीसरी के बच्चों से जब पूछा गया कि पढ़ लिख कर क्या बनना है तो किसी ने पुलिस कहाकिसी ने कहा इंस्पेक्टर तो किसी ने कहा डॉक्टर - इस प्रकार से बच्चों की प्रतिक्रिया रही। इसके बाद चौथी और पांचवी के बच्चों को स्थानीय भाषा में गीत सुनाने के लिए कहा जिसमें कुछ बच्चों ने स्थानीय गीत गाकर सुनाया।

इसके बाद प्राथमिक शाला सारसडोली का भ्रमण किया गया जिसमें शिक्षक श्री शोभाराम परस्ते जी से राज्य शिक्षा केंद्र, भोपाल द्वारा आयोजित मातृभाषा-आधारित बहुभाषीय शिक्षण पद्धति पर प्रस्तावित शिक्षक प्रशिक्षण पर चर्चा किया गया। उन्हें जानकारी दी गयी कि आप मास्टर ट्रेनरों के सूची में शामिल हैं व आपको मास्टर ट्रेनर का ट्रेनिंग दिया जाएगा जिसके बाद आप लोगों को विकासखण्ड के अन्य शिक्षकों को प्रशिक्षण देना होगा।

इसके बाद कक्षा तीसरी और चौथी के बच्चों को 1-1 कविता एवं कहानी सुनाने के लिए कहा जिसमें 9 बच्चों ने कविताएं सुनाई। इसके बाद उन्होंने हिंदी की पाठ्यपुस्तक से कुछ पढ़ने के लिए कहा जिस पर बच्चे एक एक पैराग्राफ पढ़कर सुनाया। 

इसके बाद भ्रमणकर्ताओं ने शिक्षक श्री शोभाराम जी से स्थानीय भाषा में आप बच्चों को कैसे पढ़ाते हैं ब्लैक बोर्ड में लिखकर, बोलकर एवं गतिविधि करके दिखाने के लिए कहा। इस पर शोभाराम जी ने स्थानीय कविता लिखकर पढ़कर एक्शन के साथ में कर के दिखाया। इसके बाद भ्रमणकर्ताओं ने शिक्षक से स्थानीय भाषा में कविता, लोकोक्ति, मुहावरा, कहावतें एकत्रित किया। इसके बाद भ्रमणकर्ताओंं ने कक्षा पहली और दूसरी के बच्चों से बात किए जिसमें अवलोकन किया गया कि बच्चे  स्थानीय भाषा जल्दी समझते हैं और हिंदी के शब्दों को भी समझ कर उत्तर दे पा रहे हैं।

इस प्रकार आज के भ्रमण कार्यक्रम का समापन हुआ!!

(BSB)

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