टीएलएम के बारे में
समझ बनाने के लिए हमें सर्वप्रथम खुशी-खुशी सीखने व गतिविधि आधारित शिक्षा की
अवधारणाओं और टीएलएम से उनके अन्तर्सम्बन्धों को समझना होगा। खुशी-खुशी सीखने से
अक्सर यह समझा जाता है कि इसमें सीखने वाले को सीखने की प्रक्रिया के दौरान आनन्द
आ रहा होता है। लेकिन यहाँ ‘सीखने का आनन्द’ व ‘सीखने में आनन्द’ में फर्क करना
ज़रूरी है। यह ज़रूरी नहीं है कि सीखने के दौरान बच्चा खुश नज़र आ रहा हो, मुस्कुरा रहा हो या
मज़े-मज़े में सीख रहा हो। महत्वपूर्ण यह है कि विद्यार्थी को सीखने की प्रक्रिया
अर्थपूर्ण लगे ताकि वह विषय सम्बन्धी मूल अवधारणाओं के बीच अन्तर्सम्बन्धों को समझ
सके तथा साथ ही साथ अपने अनुभव, सोच व अपने पूर्वज्ञान को भी उससे जोड़ सके.....आगे पढ़ें
आगे पढ़ें: प्रभावी टीएलएम कैसे बनायें!!
Comments
Post a Comment